नई दिल्लीः एससी एसटी एक्ट में संशोधन पर लगातार विरोध के बाद मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज चौहान के सुर बदल गए हैं. अब इस पर उन्होंने नया बयान देते हुए कहा है कि एससी एसटी एक्ट के तहत बिना जांच-पड़ताल के मध्य प्रदेश में कोई भी गिरफ्तारी नहीं होगी. अब इस पर बीजेपी में ही विरोध के सुर उठने लगे हैं. दिल्ली से बीजेपी सांसद उदित राज ने शिवराज को नसीहत देते हुए कहा है कि सीएम शिवराज कानून को ठीक से पढ़ें और गैर जरूरी बयान ना दें. एससी-एसटी एक्ट पर केंद्र के कानून को माना जाए
शिवराज के एससी-एसटी वाले बयान पर बीजेपी के सांसद उदित राज ने एतराज जताते हुए कहा है कि शिवराज सिंह का ये बयान अनावश्यक है. एससी/एसटी ऐक्ट में संशोधन पीएम मोदी के नेतृत्व में हुआ है. दलितों के लिए कानून बनने के बावजूद रोज़ हत्या हो रही है और दलितों में भय का माहौल हो गया है.
उदित राज ने ये भी कहा कि शिवराज ने इस ऐक्ट के दुरुपयोग की बात की है लेकिन इस कानून का नहीं, दुरुपयोग बाक़ी क़ानून का हो रहा है. धारा 376, टाडा, मकोका सभी कानूनों का दुरुपयोग हो रहा है. लम्बे समय तक लिव इन में रहने के बाद महिलायें रेप का चार्ज लगाती हैं तो ये 376 का गलत उपयोग है. इन सबके खिलाफ कदम उठाए जाने चाहिए. सीएम शिवराज को ये बयान वापस लेना चाहिए क्योंकि ये सही नहीं है.
दरअसल एमपी में एससी-एसटी एक्ट पर शिवराज सरकार को चारों तरफ से सवर्णों का विरोध झेलना पड़ रहा है. कई इलाकों में शिवराज सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं और पोस्टर लगाए जा रहे हैं जहां पर लिखा है कि ये गांव सामान्य वर्ग का है और यहां वोट मांगकर शर्मिंदा न करें.
एससी-एसटी एक्ट के अलावा सीएम शिवराज ने व्यापम घोटाला केस में कांग्रेस पर भी हमला बोलते हुए कहा कि उनके खिलाफ अनर्गल आरोप लगाए गए हैं और कांग्रेस ने घटिया राजनीति की है. उनकी पत्नी साधना सिंह पर बेबुनियाद आरोप लगाए गए जिनका कोई आधार नहीं है
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