सुप्रीम कोर्ट ने आधार की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है. आधार और इससे संबंधित 2016 के कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने करीब चार महीने के दौरान 38 दिन तक इन याचिकाओं पर सुनवाई की थी .... SC ने अपने आदेश में कहा :-
* बैंकिग और मोबाइल सेवा से आधार लिंक करना जरूरी नहीं. मतलब अब मोबाइल कंपनी आपसे जबरदस्ती आधार नंबर से मोबइल लिंक करने या नए सिम के लिए आधार नंबर नहीं मांग सकती हैं.
* बैंक में नया अकाउंट खोलने के लिए भी आधार नंबर जरूरी नहीं होगा.
* पैन के लिए आधार लिंक करना जरूरी है.
* बोर्ड एग्जाम में बैठने लिए CBSE आधार नहीं मांग सकती है साथ ही स्कूलों में एडमिशन के लिए आधार जरूरी नहीं. 6 से 14 साल के बच्चों को आधार ना होने की वजह से सर्व शिक्षा अभियान जैसे लाभ से दूर न किया जाए.
* किसी सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए आधार का होना जरूरी नहीं है. मतलब अगर आपके पास आधार नंबर नहीं है तो आपको सरकारी स्कीमों से वंचित नहीं किया जा सकता है. और आधार के बगैर भी सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ मिलता रहेगा.
* संविधान पीठ के सदस्य जस्टिस सीकरी ने कहा कि डेटा प्रोटेक्शन कानून जल्द से जल्द लाया जाए.
* 6 महीने से ज्यादा आधार ऑथेंटिकेशन डेटा को स्टोर करके नहीं रखा जा सकता
* सुप्रीम कोर्ट ने आधार ऐक्ट की धारा 57 को रद्द कर दिया है. इसी के साथ प्राइवेट कंपनियां आधार की मांग नहीं कर सकतीं हैं.
* जस्टिस सीकरी ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह जल्द से जल्द मजबूत डेटा सुरक्षा कानून बनाए.
* बायोमेट्रिक डेटा अदालत के इजाजत के बिना किसी भी एजेंसी के साथ शेयर नहीं किया जाएगा
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