(पूर्व कप्तान न्यूजीलैंड महिला टीम)
क्रिकेट का खेल भले ही शारीरिक फिटनेस के लिए लाभदायक हो पर मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाला है और आज की व्यस्त शेड्यूल में क्रिकेट ने हमारे जीवन की छोटी छोटी खुशियों को छीन लिया है
न्यूजीलैंड की महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान और टीम की अहम खिलाड़ी सूजी अपने देश और क्लब के लिए साल के 9 महीने क्रिकेट में व्यस्त रहती हैं। इस खेल में व्यस्त रहने के चलते सूजी अपने परिवार, दोस्तों से नियमित नहीं मिल पातीं। इसके अलावा वह दूसरी महिलाओं की तरह अपनी रोजमर्रा की जिंदगी भी नहीं जी पातीं। इससे उन्हें महसूस होता है कि यह खेल मानसिक दबाव का कारण भी बन रहा है।
न्यूजीलैंड की न्यूज वेबसाइट stuff.co.nz से बात करते हुए सूजी ने कहा, 'मेरे ख्याल में पूर्व में महिला क्रिकेट में (मानसिक स्वास्थ्य) बड़ा मुद्दा नहीं था। आपके पास अपनी वर्क लाइफ थी- जैसे आप चाहें- तो यूनिवर्सिटी जा सकते हैं, अपनी पढ़ाई कर सकते हैं और इसके बाद आपको तीन-चार सप्ताह का टूर करना होता था और इसके बाद आप फिर अपनी रोजमर्रा की लाइफ में लौट आते थे।'
बेट्स कहती हैं, 'लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब तो आपका जीवन सिर्फ क्रिकेट से ही जुड़ा है और आप बाकी चीजों से दूर हो चुके हैं। अब आप कोई टूर कर के वापस भी लौटते हैं, तो भी आप अपने काम या पढ़ाई में नहीं लौट पाते। खिलाड़ी टूर से लौटते हैं और उन्हें फिर आगे की सीरीज के लिए ट्रेनिंग में व्यस्त होना पड़ता है।'
बता दें सूजी बेट्स इंटरनैशनल क्रिकेट में करीब साढ़े 12 साल से खेल रही हैं। सूजी महसूस करती हैं कि अब मेंटल स्ट्रेस खिलाड़ियों के जीवन का हिस्सा बन गया है। वह खेल के हिसाब से ही अपना शेड्यूल तय करते हैं।
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