मेरठ छावनी से आ रही है बड़ी सनसनीखेज खबर सिगनल मैन के तौर पर सिगनल रेजीमेंट में काम करने वाला जवान पाकिस्तान के इशारे पर कर रहा था सेना की जासूसी लगातार पाकिस्तान के विभिन्न नंबरों से बात करने के कारण जवान इंटेलिजेंस की रडार पर आया जवान के आई एस आई एजेंट होने के पुख्ता प्रमाण मिलते ही आर्मी इंटेलिजेंस ने गिरफ्तार कर लिया
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (PIO) को पश्चिमी कमान व इसके अंतर्गत आने वाले कोर और डिवीजन से जुड़ी गोपनीय जानकारी मुहैया करा रहा था। मेरठ छावनी में यह पहली बार है जब एक सैनिक को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में पकड़ा गया है बताया जा रहा है कि सेना की तमाम खुफिया एजेंसियां मामले की जांच करने में जुट गई है और सैनिक से बहुत सी जानकारियां
जवान के करतूतों की खबर आर्मी इंटेलिजेंस को करीब तीन महीने पहले इसके करतूत की भनक लगी। फोन पर पाकिस्तान से संपर्क में रहने के साथ ही मौका मिलते ही Whatsapp पर एंड-टू-एंड इंसक्रिप्शन के जरिए गोपनीय दस्तावेज भेजा करता था। गहन छानबीन में दस्तावेज भेजे जाने की पुष्टि होने के बाद इंटेलिजेंस विंग ने सैनिक के बारे में मेरठ छावनी स्थित सेना के सभी बड़े इस्टैबलिसमेंट्स को जानकारी दे दी
सुरक्षा कारणों से जवान का नाम गोपनीय रखा गया है मामले में एक कर्नल रैंक के अफसर के अनुसार डिव के सिग्नल रेजिमेंटसे जुड़े तमाम कार्यालयों में इन दिनों लगातार जांच-पड़ताल की जा रही है। जासूसी करते पकड़े गए सैनिक के अलावा भी कुछ सैनिकों से अलग-अलग स्थान पर पूछताछ चल रही है जिससे मामले की तह तक जाने में मदद मिल सके
इस मामले में सेना की ओर से कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की जाएगी। पकड़े गए सिपाही के अलावा प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से शामिल सभी लोगों की जांच होगी। प्राथमिक तौर पर सेना यह जानने की कोशिश कर रही है किस स्तर के अहम दस्तावेज पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को भेजे गए हैं। इंक्वायरी पूरी होने पर कोर्ट मार्शल होगा।
भारतीय सेना के साथ ही दुश्मन सेना के लिए भी मेरठ छावनी महत्वपूर्ण है। मेरठ में वर्ष 2015 में जली कोठी के आसिफ को आइएसआइ के लिए जासूसी करते पकड़ा गया था। वर्ष 2016 में भी एजाज नामक पाकिस्तानी युवक को जरूरी दस्तावेज के साथ पकड़ा गया था
जो भी हो लेकिन यह निश्चित रूप से भारत के सुरक्षा के लिए चिंताजनक स्थिति है और विषय है , हालत यह हो गए हैं कि किसी भी महत्वपूर्ण विभाग में कब कौन सा व्यक्ति विदेशी एजेंट निकल आए पता नहीं....ले दे के एक सेना ही विश्वसनीय रह गई थी पर ऐसे .......
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