आर एस एस सुप्रीमो मोहन भागवत ने कहा कि केंद्र सरकार कानून बनाकर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण सुनिश्चित करें सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मारने के लिए सरकार बाध्य नहीं है मंदिर का निर्माण देश के शो गौरव की बात है नागपुर में वार्षिक संबोधन के दौरान मोहन भागवत ने यह बातें कही उन्होंने कहा कि साक्ष्यों से पुष्टि हो चुकी है कि वहां मंदिर था राजनीतिक दखल ना होती तो अब तक मंदिर बन चुका होता देश के बहुसंख्यक हिंदुओं की भावना अनुसार मंदिर बनने से देश में सद्भावना व एकता की भावना आएगी
उन्होंने कहा कि कुछ तत्व नई-नई चीज़ें पेश कर न्यायिक प्रक्रिया में दख़ल दे रहे हैं और फैसले में रोड़े अटका रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिना वजह समाज के धैर्य की परीक्षा लेना किसी के हित में नहीं है.
आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘राष्ट्रहित के इस मामले में स्वार्थ के लिए सांप्रदायिक राजनीति करने वाली कुछ कट्टरपंथी ताकतें रोड़े अटका रही हैं. राजनीति के कारण राम मंदिर निर्माण में देरी हो रही है.
भागवत ने माओवादियों पर निशाना साधते हुए कहा कि माओवाद की प्रकृति हमेशा से ‘शहरी’ रही है और शहरी नक्सलियों नव-वामपंथी सिद्धांत का मक़सद एक ‘राष्ट्रविरोधी’ नेतृत्व स्थापित करना है जिनके पीछे उनके लिए प्रतिबद्ध अंधप्रशंसक खड़े हों.
उन्होंने आरोप लगाया कि ‘शहरी माओवाद’ समाज में नफ़रत और गलत चीज़ों को बढ़ावा दे रहा है.
सबरीमला मंदिर में रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं और लड़कियों के प्रवेश की अनुमति दिए जाने के उच्चतम न्यायालय के फैसले की तरफ इशारा करते हुए आरएसएस प्रमुख ने कहा कि 10 से 50 साल तक की लड़कियों एवं महिलाओं के सबरीमला मंदिर में प्रवेश पर मनाही की परंपरा बहुत लंबे समय से थी और इसका पालन किया जा रहा था.
भागवत ने कहा, ‘(उच्चतम न्यायालय में) याचिकाएं दाख़िल करने वाले वे लोग नहीं हैं जो मंदिर जाते हैं. महिलाओं का एक बड़ा तबका इस प्रथा का पालन करता है. उनकी भावनाओं पर विचार नहीं किया गया.’ शिव भागवत ने सीमा सुरक्षा पड़ोसी देशों पर भी अपने भाषण के दौरान चर्चा की उन्होंने कहा मोदी सरकार आने के बाद भी सीमा पर हमला बंद नहीं हुआ उन्होंने कहा कि देश को अंतरराष्ट्रीय बाजार से अपनी शर्तों पर रक्षा उपकरण खरीदने चाहिए
समाज के हर तबके के सम्मान पर ज़ोर देते हुए उन्होंने कहा, ‘हमारी पहचान हिंदू है जो हमें सबका आदर करना, सबको स्वीकार करना, सबसे मेल-मिलाप रखना और सबका भला करना सिखाती है. इसलिए संघ हिंदू समाज को संगठित व अजेय सामर्थ्य संपन्न बनाना चाहता है और इस कार्य को संपूर्णत: संपन्न करके रहेगा.’
भाषण का लब्बोलुआब जो समझ आया वो ये की भाजपा के थिंक टैंक RSS ने मान लिया है कि मोदी सरकार द्वारा किए गए नोटबंदी जीएसटी और बड़ी-बड़ी बातें करके 2019 में भाजपा चुनावी वैतरणी पार नहीं उतार सकती इसलिए फिर से राम मंदिर निर्माण के हथियार को धारदार करने में लगी है और कुछ नहीं बस जनता को एक बार और बली पर चढ़ाने की तैयारी है
उन्होंने आरोप लगाया कि ‘शहरी माओवाद’ समाज में नफ़रत और गलत चीज़ों को बढ़ावा दे रहा है.
सबरीमला मंदिर में रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं और लड़कियों के प्रवेश की अनुमति दिए जाने के उच्चतम न्यायालय के फैसले की तरफ इशारा करते हुए आरएसएस प्रमुख ने कहा कि 10 से 50 साल तक की लड़कियों एवं महिलाओं के सबरीमला मंदिर में प्रवेश पर मनाही की परंपरा बहुत लंबे समय से थी और इसका पालन किया जा रहा था.
भागवत ने कहा, ‘(उच्चतम न्यायालय में) याचिकाएं दाख़िल करने वाले वे लोग नहीं हैं जो मंदिर जाते हैं. महिलाओं का एक बड़ा तबका इस प्रथा का पालन करता है. उनकी भावनाओं पर विचार नहीं किया गया.’ शिव भागवत ने सीमा सुरक्षा पड़ोसी देशों पर भी अपने भाषण के दौरान चर्चा की उन्होंने कहा मोदी सरकार आने के बाद भी सीमा पर हमला बंद नहीं हुआ उन्होंने कहा कि देश को अंतरराष्ट्रीय बाजार से अपनी शर्तों पर रक्षा उपकरण खरीदने चाहिए
समाज के हर तबके के सम्मान पर ज़ोर देते हुए उन्होंने कहा, ‘हमारी पहचान हिंदू है जो हमें सबका आदर करना, सबको स्वीकार करना, सबसे मेल-मिलाप रखना और सबका भला करना सिखाती है. इसलिए संघ हिंदू समाज को संगठित व अजेय सामर्थ्य संपन्न बनाना चाहता है और इस कार्य को संपूर्णत: संपन्न करके रहेगा.’
भाषण का लब्बोलुआब जो समझ आया वो ये की भाजपा के थिंक टैंक RSS ने मान लिया है कि मोदी सरकार द्वारा किए गए नोटबंदी जीएसटी और बड़ी-बड़ी बातें करके 2019 में भाजपा चुनावी वैतरणी पार नहीं उतार सकती इसलिए फिर से राम मंदिर निर्माण के हथियार को धारदार करने में लगी है और कुछ नहीं बस जनता को एक बार और बली पर चढ़ाने की तैयारी है
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