नई दिल्ली: सीबीआई की अंदरूनी कलह के बाद हटाए गए निदेशक आलोक वर्मा के घर के बाहर से आज दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया. इन दोनों संदिग्धों पर वर्मा के घर के आसपास जासूसी करने का आरोप है. इन दोनों संदिग्धों को आलोक वर्मा के पीएसओ ने पकड़ा, इसके बाद दिल्ली पुलिस को बुलाया गया. फिलहाल दोनों संदिग्धों से पूछताछ जारी है. जानकारी के मुताबिक चार लोग एक गाड़ी में आए थे, इनमें दो को पकड़ लिया गया.
कल ही छुट्टी पर भेजे गए वर्मा और अस्थाना
देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई में कल दिन भर हलचल मची रही. दोनों टॉप अफसरों के एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप के बाद सरकार एक्शन में आयी. आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया गया. ज्वाइंट डायरेक्टर एम नागेंद्र रॉव को सीबीआई का अंतरिम डायरेक्टर बनाया गया. छुट्टी पर भेजे जाने के खिलाफ निदेशक आलोक वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.
सरकार ने पूरे मामले पर क्या सफाई दी?
अरुण जेटली ने कहा कि सीबीआई देश की प्रीमियर जांच एजेंसी है. उसकी गरिमा बनी रहे यह जरूरी है. सीबीआई की संस्थागत गरिमा बनाए रखना और इस दिशा में कदम उठाना अनिवार्य है. राफेल डील की जांच की वजह से आलोक वर्मा की छुट्टी किये जाने के विपक्षी दलों के आरोपों को जेटली ने बकवास बताया.
उन्होंने कहा, ''क्या दो अधिकारी जो जांच का सामना कर रहे हैं वो ही अपनी जांच करवाएं? विपक्ष के आरोप बकवास हैं.'' जेटली ने आगे कहा कि विपक्ष अगर किसी अधिकारी का समर्थन करता है तो उससे अधिकारी की छवि को भी नुकसान होगा. सीबीआई पर सवाल उठे तो इसका फायदा घोटालेबाजों को ही होगा.
CBI की अंदरूनी कलह का पूरा मामला है क्या?
सीबीआई के वर्तमान स्पेशल निदेशक राकेश अस्थाना समेत चार लोगों के खिलाफ खुद सीबीआई ने रिश्वत लेने का मुकदमा दर्ज कर लिया. सीबीआई ने इस मामले मे अपने ही डीएसपी देवेंद्र कुमार पर छापा मार कर आठ मोबाइल फोन बरामद किए. डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया, फिलहाल वो रिमांड पर है.
सीबीआई ने इस मामले में जो एफआईआर दर्ज की है उसमें स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना जो सीबीआई के नंबर दो अधिकारी हैं. इन पर मशहूर मीट कारोबारी मोइन कुरैशी के मामले में सतीश साना नाम के एक शख्स से दो करोड रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया है. सीबीआई ने अपनी एफआईआर में यह भी कहा कि इस रिश्वत कांड के तार दिल्ली से लेकर दुबई तक जुड़े हुए है.
सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना ने भी इस एफआईआऱ पर पलटवार किया और कहा कि उनके खिलाफ ये मुकदमा सोची समझी साजिश के तहत दर्ज किया गया है. अस्थाना के मुताबिक वो खुद निदेशक आलोक वर्मा के भ्रष्टाचार के आरोपों की फेहरिस्त प्रधानमंत्री कार्यालय औऱ केन्द्रीय सर्तकता आय़ुक्त को अगस्त माह में ही दे चुके है. यह भी आरोप लगाया गया कि दो करोड रुपये की रिश्वत उन्होने नहीं सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने ली है
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