सतना। आईएसआई एजेंट बलराम सिंह दिखित के बारे में एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे है। बताया गया कि बलराम मार्च 2014 में भाजपा में शामिल हो गया था। जिसकी पुष्टि उसने 15 मार्च 2014 को अपने फेसबुक वॉल पोस्ट में की है। इसमें उसने भाजपा की वाल पेंटिंग के सामने खड़े होकर अपनी फोटो भी पोस्ट की है।
रक्तदान में लिया था हिस्सा
बजरंग दल में इसकी सक्रिय भूमिका का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिला अस्पताल में विगत साल बजरंग दल द्वारा आयोजित रक्तदान कार्यक्रम में इसने भी अपनी सहभागिता निभाई थी। इसने भी तब रक्तदान किया था। बताया गया है कि अक्सर वह जब सतना में घूमता था तो अपने गले में बजरंग दल वालों की तरह केसरिया पट्टा डालकर घूमता था।
सिविल लाइन पुलिस की दयानतदारी
इसे करीब से जानने वालों की माने तो यह पुलिस से काफी खौफ खाता था। जब तक इसके आईएसआई नेटवर्क का खुलासा नहीं हुआ था तो लोग यही मानते थे कि सामान्य तौर पर यह पुलिस से डरता था। उसके साथ एक घटे वाकये की जानकारी अब सामने आई है जिसमें सिविल लाइन पुलिस की भूमिका भी सवालों में आ गई है।
बाइक वहीं छोड़ कर भाग गयादरअसल एक जांच के दौरान पुलिस ने इसे बाइक सहित रोक लिया था। तब यह अपनी बाइक वहीं छोड़ कर भाग गया था। बाद में इसने अपने बजरंग दल के साथियों को बताया था कि उसकी गाड़ी पुलिस ने पकड़ ली है और सिविल लाइन थाने ले गई है। उसे छुड़वा दो। तब इसकी बाइक का रजिस्ट्रेशन भी नहीं हुआ था। तब साथियों ने इसे पुलिस थाने चलने को कहा था।
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बिना कागजात दिखाए ही वाहन छुड़वा दिया
तब इसने अपने बजरंग दल से जुड़े साथियों से बताया था कि उसे पुलिस से काफी डर लगता है। आप लोग निकलवा लाओ। तब बजरंग दल के उसके साथियों ने सिविल लाइन थाने से बिना कागजात दिखाए ही वाहन छुड़वा दिया था। यह भी दिलचस्प है कि जिस सुहास गांव में आईएसआई का कनेक्शन और बलराम के रूप में टेरर फंडिंग का सरगना सामने आया।
देशसेवा की उगती फसल के बीच बन गया गद्दार
उस गांव में देशसेवा की अलख जगती है। सरपंच पति रंजीत सिंह के अनुसार उनके पंचायत क्षेत्र के करीब दो सौ लोग सेना और अद्धसैनिक बलों में काम करते हैं। इसके अलावा पास के ही गांव मेहुती और चूंद में सेना के जवानों की संख्या हजार के करीब है। ऐसे क्षेत्र में बलराम का देशद्रोह जैसे मामले में संलिप्त होने के खुलासे ने सभी को हैरान कर रखा है।
साथी और मामा के खाते में रकम का ट्रांजेक्शन
बलराम को करीब से जानने वालों के अनुसार उसके पास हमेशा बाहर अज्ञात स्थानों से काफी पैसा आता था। कभी बैंक के माध्यम से तो कभी नकद। वह इसी कारोबारी सिलसिले में लोगों को अक्सर दिल्ली जाना भी बताता था। इसके लिए कई बार इमरजेंसी की स्थिति बताकर वह फ्लाईट से भी सफर करता था।
एचडीएफसी खाते में बड़ी रकम
बताया गया है कि सतना में वह कई बार एक बजरंग दल से संबद्ध युवक के एचडीएफसी खाते में बड़ी रकम डालता था। इसी तरह वह एक शख्स जिसे वह मामा के नाम से पुकारता था उसके खाते में भी राशि डालता था। स्थानीय तौर पर उसकी रकम को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने वाले उसका एक और साथी था जिसे अक्सर 'सरकार' के नाम से जाना जाता था।