विश्वसनीय रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र की मोदी सरकार और रिज़र्व बैंक के बीच तनाव की बड़ी वजह 3.6 लाख करोड़ रुपये हैं , इसके लिए ही अरुण जेटली द्वारा RBI पर दबाव बनाया जा रहा हालांकि आरबीआई ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इसकी स्वीकृति नहीं दे सकती क्योंकि उसके पास जमा कुल धन का एक तिहाई से अधिक होता है यह राशि , आरबीआई का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था भयावह दौर से गुजर रही जो इसके बाद तहस नहस हो जाएगी ; वित्त मंत्रालय द्वारा बनाये जा रहे प्रेसर से खिन्न गवर्नर उर्जित पटेल ने त्यागपत्र की भी पेशकश दे दी है , सूत्रों के अनुसार RBI सरकार के गलती का ठीकरा खुद पर फोड़े जाने को तैयार नहीं
ख़बर के मुताबिक रिज़र्व बैंक के पास कुल 9.59 लाख करोड़ रुपये हैं. यानी वित्त मंत्रालय द्वारा मांगी गई राशि आरबीआई के पास जमा कुल राशि के एक तिहाई से ज़्यादा थी.
सूत्रों के हवाले से पुख्ता खबर है कि ये पैसे सरकार को दिए जाने से अर्थव्यवस्था में अस्थिरता पैदा होने का ख़तरा था और यही वजह है कि रिज़र्व बैंक ने ऐसा करने से इनकार कर दिया.
इससे पहले 2017-18 में वित्त मंत्रालय ने पूंजी की ज़रूरत का हवाला देते हुए रिज़र्व बैंक से उसके पास जमा कुल धनराशि मांगी थी और तब भी आरबीआई ने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया था
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