भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है , इस तस्वीर में अमित शाह एक चौकी पर बने हिंदुओं के पवित्र चिन्ह स्वास्तिक पर जूते पहने खड़े होकर चुनावी जनसभा को संबोधित करते दिख रहे हैं.
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इस तस्वीर को अमित शाह ने ही सोशल मीडिया पर शेयर किया था और बाद में विवाद बढ़ता देख, इसे डिलीट भी कर दिया.
चुनावी माहौल के दौरान हमें कई ऐसी तस्वीरें और वीडियो मिल चुके हैं जिनके साथ गंभीर छेड़छाड़ की गई या उनके संदर्भ को पूरी तरह से बदल दिया गया था.
इसलिए तीन प्रश्न सामने आए :-
ये तस्वीर कब की है?
ये तस्वीर कहाँ की है?
और क्या वाक़ई अमित शाह भाषण के दौरान किसी चौकी पर खड़े हुए थे?
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'रिवर्स इमेज सर्च' से हमें पता चला कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की ये तस्वीर राजस्थान के बाड़मेर ज़िले की है.
इस तस्वीर को शनिवार, एक दिसंबर की दोपहर 2:06 से 2:40 बजे के बीच खींचा गया था.
ट्विटर पर 'ऑफ़िस ऑफ़ अमित शाह' द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, एक दिसंबर को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह बाड़मेर ज़िले के बायतु और बालोतरा में पार्टी के प्रचार के लिए गए थे.
वायरल फ़ोटो और उस दिन की जनसभाओं की तस्वीरों का जब हमने मिलान किया तो पाया कि अमित शाह का विवादित फ़ोटो बालोतरा की सभा का है.
इस निष्कर्ष तक पहुँचने के लिए हमने अमित शाह के साफ़े, उनके कपड़ों, भीड़ में मौजूद कुछ लोगों और उनके माइक के ब्रांड का भी मिलान किया.
दरअसल, एक दिसंबर की इस सभा की तस्वीरें राजस्थान की भाजपा इकाई के अलावा ख़ुद अमित शाह ने भी ट्वीट की थीं.
तस्वीरों के साथ उन्होंने लिखा था, "राहुल गांधी शायद भूल गए हों पर मैं उन्हें बताना चाहता हूँ कि वीरभूमि राजस्थान की जनता कभी भी भारत के वीर सैनिकों के शौर्य का अपमान करने वाली कांग्रेस पार्टी का साथ नहीं दे सकती."
अमराराम चौधरी ने अपनी बात ही यहीं से शुरू की कि "स्थानीय स्तर पर इस फ़ोटो को लेकर कोई विवाद नहीं है. अमित शाह प्रचार करने आए थे. प्रचार करके चले गए. बाक़ी सब ठीक चल रहा है."
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