नव नियुक्त अंतरिम डायरेक्टर नागेश्वर राव
अंतरिम सीबीआई डायरेक्टर नागेश्वर राव पर लग गई है सुप्रीम कोर्ट की नकेल.
शुक्रवार को चीफ जस्टिस की बेंच ने जो सख्त आदेश दिए हैं उसमें सबसे ज्यादा असर नागेश्वर राव पर ही पड़ने वाला है. उन्हें दो बड़े झटके मिले हैं. अब कोई तबादला या पोस्टिंग नहीं और सिर्फ रुटीन काम ही करेंगे जैसे छुट्टियां मंजूर करना, टूर- ट्रैवल खर्चों की फाइल में दस्तखत करना वगैरह वगैरह.
सुप्रीम कोर्ट ने राव को एक और टेंशन दे दिया है. उन्हें मंगलवार रात दो बजे सीबीआई हैडक्वार्टर में पहुंचकर चार्ज संभालने के बाद जो जो फैसले किए हैं वो सब कुछ सुप्रीम कोर्ट को सीलबंद लिफाफे में करके देना है. जिसे सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस वाली बेंच परखेगी और फैसला लेगी.
अंतरिम डायरेक्टर ने अब तक क्या क्या किया ??
अंतरिम सीबीआई डायरेक्टर की जिम्मेदारी संभालने के बाद नागेश्वर राव का हर घंटा बेहद व्यस्तता वाला रहा है. वैसे उन्हें काम संभाले सिर्फ 56 घंटे हुए हैं. पर 23 अक्टूबर को रातभर जागने के बाद तड़के दो बजे वो सीबीआई हैडक्वार्टर पहुंचे. फिर ताबड़तोड़ तबादलों की फाइल में दस्तखत करने पड़े. पहले घंटे में ही उन्होंने 13 तबादले और पोस्टिंग कर डालीं.
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आलोक वर्मा के करीबियों का तबादला
नागेश्वर ने सबसे पहले छांट छांटकर छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा के करीबी अफसरों का तबादला शुरू किया. इस चक्कर में ऐसे अफसरों को तबादला भी हो गया जो स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ मामलों की जांच कर रहे थे.
वैसे तो सरकार के एक्शन से ऊपर से देखने में यही लगा कि झगड़ रहे आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना दोनों को जबरन छुट्टी में भेजा गया है. लेकिन जिन लोगों से अहम जिम्मेदारियां छिनी वो सभी आलोक वर्मा के करीबी माने जाते हैं.
अंतरिम डायरेक्टर नागेश्वर राव की ताबड़तोड़ तबादला एक्सप्रेस की चपेट में दो तरह अफसर आए एक जिनसे अहम जिम्मेदारियां छीन ली गईं और दूसरे जिनको बड़ी जिम्मेदारियां मिल गईं. सभी ने बिना देरी किए इन्हें संभाल भी लिया है.
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किसके तबादले हुए ??
सबसे अहम है राकेश अस्थाना के खिलाफ घूस कांड की जांच कर रहे डिप्टी एसपी ए के बस्सी को जनहित में दिल्ली से बोरिया बिस्तर समेट कर सीधा अंडमान (पोर्ट ब्लेयर) भेज दिया गया.
आलोक वर्मा के साथ बेहद अहम जांच कार्रवाई देख रहे ज्वाइंट डायरेक्टर पॉलिसी, ए के शर्मा को (मल्टी डिसिप्लनरी मॉनिटरिंग एजेंसी) MDMA यूनिट भेजे गए. ये एजेंसी राजीव गांधी की हत्या के पीछे बड़े षड़यंत्र की पड़ताल में बरसों से जुटी है.
डीआईडी मनीष कुमार सिन्हा को नागपुर रवाना कर दिया गया.
एडिशनल एसपी एस एस गुर्म को दिल्ली से जबलपुर भेज दिया गया
डीआईजी स्पेशल यूनिट अनीष प्रसाद को एडमिनिस्ट्रेशन में डाल दिया गया.
नई टीम जो अस्थाना मामले की जांच करेगी
अस्थाना के खिलाफ घूस और फिरौती कांड की जांच कर रही पूरी टीम ही बदल दी गई है. अब ये नई जांच टीम बनी है. इसी मामले में डिप्टी एसपी देवेंद्र कुमार सीबीआई हिरासत में हैं.
डीआईजी तरुण गौबा जिन्होंने व्यापम मामले की जांच भी की थी और अभी चंडीगढ़ में एंटी करप्शन ब्रांच में काम संभाल रहे थे.
ज्वाइंट डायरेक्टर मुरगेसन, जिन्होंने राम रहीम मामले की जांच की
एसपी सतीष डागर जो कोल घोटाले की जांच करने वाली टीम में भी थे.
रुटीन काम करेंगे राव
सीबीआई डायरेक्टर पॉलिसी डिसीजन लेंगे नहीं मतलब तबादला पोस्टिंग, जांच पर किसी तरह का नजरिया नहीं रखेंगे. तो क्या करेंगे. छुट्टियां मंजूर करना, टूर और ट्रैवल के खर्चों पर दस्तखत वगैरह काम करेंगे. दो हफ्ते तक उन्हें यही करना है. 12 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट फैसला करेगा कि उनका काम बदलेगा या नहीं.
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