बहुत देर तक इस शख़्स को देखता रहा। सोचता रहा कि यह मैं होता तो क्या होता। मैं यही होना चाहता हूँ। लेकिन क्या वह वही रहना चाहेगा जो मैं होना चाहता हूँ। क्या उसे पता है कि वह क्या होना चाहता है? जिस ट्रक के नीचे से मैं उसे देख रहा था, क्या वह उस ट्रक को ख़रीदना चाहता होगा? चेहरे पर कोई भाव नहीं पर क्या पता मन में भाव हों। बिना भाव के कोई मन नहीं होता है। वह शख़्स धीरे-धीरे मेज़ पर लॉटरी की गड्डी सजाता रहा। सजाना भी उस काम का हिस्सा है जिसे करते हुए जीवन के एक और दिन को गुज़र जाना है। लॉटरी की सारी गड्डियाँ एक सीध में रखते रखते जब ऊब गया तो जेब से बीड़ी का पैकेट निकाला। कुछ देर तक पैकेट को इस हाथ से उस हाथ में बदलता रहा। फिर उससे भी धीमी रफ़्तार से लाइटर निकाला। सब कुछ स्लो मोशन में हो रहा है। मेज़ पर नंबर की लिस्ट है। पेन से कुछ गोला बनाया है। फिर उस लिस्ट को रख देता है। दूसरे की क़िस्मत का नंबर उसके पास नहीं है। महीनों से किसी का नंबर नहीं आया। नंबरों का यह विक्रेता अपनी क़िस्मत के सवाल से मुक्त हो चुका है। देख रहा हूँ कि लाइटर और बीड़ी हाथ में लिए कुछ देर तक वह किसी फ़्रेम में फ़िक्स हो गया। वह अपने जीवन में है। मैं अपने जीवन में हूँ। मैं अपने जीवन से उसके जीवन को देख रहा हूँ। उसके जीवन से अपने जीवन को बदल लेना चाहता हूँ। उसके जीवन में भी जीवन है। नहीं होता तो देर तक बीड़ी हाथ में लिए नहीं सोचता। अपनी छोटी सी दुकान को गेंदे की माला से नहीं सजाता। मैं किस चीज़ से भाग रहा हूँ? क्या वह भी किसी चीज़ से भाग रहा है? या वह सिर्फ भागते हुओं को देखने के लिए रुका हुआ है? मैं क्यों सबका जीवन जीना चाहता हूँ? क्यों जिसे देखता हूँ वही हो जाना चाहता हूं। तभी अचानक बीड़ी जलती है। धुआँ उठता है। धुएँ के पीछे चेहरा हो जाता है। मेरी गाड़ी आगे बढ़ जाती है। रेल का फाटक खुल गया है। साल बीत गया है। जीवन बीत गया है।
Monday, December 31, 2018
वो क्या होना चाह रहा नहीं पता पर मैं “वो” होना चाह रहा
बहुत देर तक इस शख़्स को देखता रहा। सोचता रहा कि यह मैं होता तो क्या होता। मैं यही होना चाहता हूँ। लेकिन क्या वह वही रहना चाहेगा जो मैं होना चाहता हूँ। क्या उसे पता है कि वह क्या होना चाहता है? जिस ट्रक के नीचे से मैं उसे देख रहा था, क्या वह उस ट्रक को ख़रीदना चाहता होगा? चेहरे पर कोई भाव नहीं पर क्या पता मन में भाव हों। बिना भाव के कोई मन नहीं होता है। वह शख़्स धीरे-धीरे मेज़ पर लॉटरी की गड्डी सजाता रहा। सजाना भी उस काम का हिस्सा है जिसे करते हुए जीवन के एक और दिन को गुज़र जाना है। लॉटरी की सारी गड्डियाँ एक सीध में रखते रखते जब ऊब गया तो जेब से बीड़ी का पैकेट निकाला। कुछ देर तक पैकेट को इस हाथ से उस हाथ में बदलता रहा। फिर उससे भी धीमी रफ़्तार से लाइटर निकाला। सब कुछ स्लो मोशन में हो रहा है। मेज़ पर नंबर की लिस्ट है। पेन से कुछ गोला बनाया है। फिर उस लिस्ट को रख देता है। दूसरे की क़िस्मत का नंबर उसके पास नहीं है। महीनों से किसी का नंबर नहीं आया। नंबरों का यह विक्रेता अपनी क़िस्मत के सवाल से मुक्त हो चुका है। देख रहा हूँ कि लाइटर और बीड़ी हाथ में लिए कुछ देर तक वह किसी फ़्रेम में फ़िक्स हो गया। वह अपने जीवन में है। मैं अपने जीवन में हूँ। मैं अपने जीवन से उसके जीवन को देख रहा हूँ। उसके जीवन से अपने जीवन को बदल लेना चाहता हूँ। उसके जीवन में भी जीवन है। नहीं होता तो देर तक बीड़ी हाथ में लिए नहीं सोचता। अपनी छोटी सी दुकान को गेंदे की माला से नहीं सजाता। मैं किस चीज़ से भाग रहा हूँ? क्या वह भी किसी चीज़ से भाग रहा है? या वह सिर्फ भागते हुओं को देखने के लिए रुका हुआ है? मैं क्यों सबका जीवन जीना चाहता हूँ? क्यों जिसे देखता हूँ वही हो जाना चाहता हूं। तभी अचानक बीड़ी जलती है। धुआँ उठता है। धुएँ के पीछे चेहरा हो जाता है। मेरी गाड़ी आगे बढ़ जाती है। रेल का फाटक खुल गया है। साल बीत गया है। जीवन बीत गया है।
Sunday, December 30, 2018
बिहार के लाल ने किया कमाल
बिहार के लाल आकाश कुमार ने किया कमाल, कराटे वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीता स्वर्ण पदक, कोलकाता में चल रहे प्रतियोगिता में जीता पदक कोरिया, जापान को हराकर जीता स्वर्ण पदक
पटना- पुरानी रंजिश में अपराधियों ने छात्र की चाकू मारकर हत्या ,किराये के मकान में रहता था निखिल ,मामले में एक अपराधी को किया गिरफ्तार , रामकृष्णानगर के खेमनीचक की घटना
औरंगाबाद- नक्सलियों ने 5 बसों में लगाई आग
गोदाम पर नक्सलियों का हमला , कई वाहनों दो घरों में भी नक्सलियों ने लगाई आग , एक व्यक्ति को गोली मारकर की हत्या MLC के रिश्तेदार था व्यक्ति देव थाना क्षेत्र के सुदी बिगहा गांव की घटना
दरभंगा- व्यक्ति की गोली मारकर हत्या , मृतक सुनील कुमार राय को अपराधियों ने नगर थाना के नाग मंदिर के पास मारी गोली
नालंदा- महिला शिक्षक ने फांसी लगाकर की खुदकुशी
सिलाव इलाके की घटना
लखीसराय- हलसी थाना क्षेत्र के सिकंदरा-मतासी रोड से पुलिस ने कार्रवाई कर ट्रक पर लदा 240 कार्टन शराब के साथ चालक और उपचालक को किया गिरफ्तार
खगड़िया- दो युवक का शव बरामद ,हाथ-पैर बांधकर हत्या करने की आशंका , पसराहा थाना के देवठा के पास मिला शव
छपरा- सारनाथ एक्सप्रेस में यात्रियों से हथियार के बल पर लाखों की लूट
अपराधियों ने यात्रियों को पीटकर किया घायल , इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती
पटना- व्यवसायी का बेटा आलोक 27 दिसंबर से मलहिपकरी कंकड़बाग से है लापता ,जहानाबाद से पटना आया था फॉर्म भरने
मामला की जांच में जुटी पुलिस
मुजफ्फरपुर- आपसी विवाद में अधेड़ को मारी गोली ,हालत गंभीर निजी अस्पताल में कराया गया भर्ती ,अहियापुर थाना क्षेत्र के कोल्हुआ में वारदात
मुंगेर- AK-47 मामले में छापेमारी , गिरफ्तार मो. गुल्लन के घर के पास JCB से खुदाई , मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के बरधा गांव के पास छापेमारी
शेरघाटी- गला रेतकर युवक की हत्या , अमकोला का रहने वाला था युवक मोहनपुर इलाके के बगलती नदी घाट के पास वारदात
आरा- मॉल में ऑफर देख बेकाबू हुए ग्राहक , सामान लेकर हुए फरार , नगर थाना क्षेत्र के जेल रोड की घटना
पटना- सेक्स रैकेट को लेकर कदमकुंआ थाना इलाके में पुलिस का छापा
5 महिला और 2 युवक को हिरासत में लिया ,कदमकुंआ थाना इलाके के कांग्रेस मैदान के पास छापा
पटना- ‘सीटों की कुर्बानी देंगे, नहीं छोड़ेंगे महागठबंधन का साथ’
हमारा मकसद NDA को हराना है- सत्यनारायण सिंह , CPI
जहानाबाद- जल संसाधन मंत्री ललन सिंह के कार्यक्रम में मंत्री से मिलने को लेकर दो गुटों के बीच जमकर मारपीट 4 लोग घायल
Saturday, December 29, 2018
बिहार में आज हुई प्रमुख हलचल पर एक नजर
जमुई- ट्रक की चपेट में दो लोगों की मौत , नगर थाना क्षेत्र के खैरमा इलाके की घटना
झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष जलेश्वर महतो ने छोड़ा जदयू, कांग्रेस में हुए शामिल
पटना- साधु और सुभाष यादव पर तेजप्रताप का हमला, इशारों- इशारों में दोनों पर साधा निशाना, कहा- कंस का वध कृष्णा ने ही किया था, थाने में साधु यादव के पहुंचने पर दिया बयान
वैशाली- शराब का धंधा करने पर चौकीदार गिरफ्तार, एसपी मानवजीत सिंह डिलो ने की कार्रवाई, विदुपुर थाना के मजलिसपुर गांव का है चौकीदार
वैशाली- कूरियर कंपनी के कर्मचारी से लूटपाट, 28 पार्सल और 50 हजार लूटकर लुटेरे फरार, बिदुपुर थाना के मथुरापुर गांव के पास लूटपाट
मुजफ्फरपुर- शेल्टर होम में बच्चों को रखने का मामला, जिला प्रशासन की टीम ने सिकंदरपुर बालगृह का किया दौरा, 12 बच्चों के नाम और पता का किया सत्यापन, नव वर्ष पर सभी को भेजा जाएगा घर
मुजफ्फरपुर पुलिस पर अपराधियों ने की फायरिंग, मोतीपुर थाना क्षेत्र में पुलिस टीम पर किया हमला, 4 अपराधियों को गिरफ्तार करने पहुंची थी पुलिस, पुलिस ने चारों अपराधियों को हथियार सहित पकड़ा
बेगूसराय- हथियारबंद बदमाशों ने मछली व्यापारी से 70 हजार रुपए और मोबाइल लूटे, साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र के हिराटोल मुंगेर राजघाट पथ पर वारदात
मुंगेर- AK-47 बरामदगी मामले में गिरफ्तारी, फरार मो गुल्लन को पुलिस ने किया गिरफ्तार
बेगूसराय- आर्मी जवान की गोली मारकर हत्या, शाम्हो गंगा घाट किनारे बहियार में मिला शव, हेमरपुर गांव का रहने वाला था सेना का जवान
आरा- सदर अस्पताल में 2 नवजात शिशु की मौत
मौत के बाद परिजनों के अस्पताल में किया हंगामा
परिजनों ने लगाया डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप
मौत के बाद परिजनों के अस्पताल में किया हंगामा
परिजनों ने लगाया डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप
खगड़िया- लापता छात्र की बरामदगी को लेकर जाम
आक्रोशितों ने डुमरी पुल के पास NH -107 किया जाम
11 दिसंबर से लापता है इंटर का छात्र आनंद राज
आक्रोशितों ने डुमरी पुल के पास NH -107 किया जाम
11 दिसंबर से लापता है इंटर का छात्र आनंद राज
जम्मू-कश्मीर- पुलवामा जिले के राजपोरा में मुठभेड़
सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़
सेना ने 4 आतंकियों को मार गिराया
उनके पास से हथियार और गोला-बारूद भी बरामद
सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़
सेना ने 4 आतंकियों को मार गिराया
उनके पास से हथियार और गोला-बारूद भी बरामद
सासाराम- खड़ी ट्रक और एंबुलेंस में टक्कर , एंबुलेंस सवार तीन लोगों की मौत, दो जख्मी , गुजरात से धनबाद जा रही थी एंबुलेंस , तीनों मृतक धनबाद के थे निवासी , मुफस्सिल थाना के लेरुआ NH-2 पर हादसा
बेतिया- 15 साले के लड़के की गला रेतकर हत्या
बसवरिया नवका टोला में अपराधियों ने की हत्या
बसवरिया नवका टोला में अपराधियों ने की हत्या
मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामला , पुलिस ने कराया 3 लड़कियों का पोस्टमार्टम , कांड संख्या अंकित किए बिना कराया पोस्टमार्टम
#muzaffarpurshelterhome
#muzaffarpurshelterhome
वैशाली- किसानों के अपहरण से ग्रामीणों में आक्रोश , अपराधी की गिरफ्तारी नहीं होने पर आंदोलन की दी चेतावनी
गांव में पुलिस बल की तैनाती की कर रहे हैं मांग
गांव में पुलिस बल की तैनाती की कर रहे हैं मांग
नालन्दा- समाहरणालय कर्मी के घर डकैती , डकैतों ने बंधक बनाकर की 10 लाख की डकैती , 3 की संख्या में आये थे हथियारबंद डकैत , लहेरी थाना के बाजार समिति की घटना
वैशाली- बाल मजदूरी के आरोप में लोजपा नेता गिरफ्तार , बाइक गैरेज में बाल मजदूर से काम कराने का है आरोप , पासवान चौक के पास है लोजपा नेता का बाइक गैरेज
मुजफ्फरपुर- युवक की हत्या कर शव फेंका , अपराधियों ने गोली मारकर की हत्या , मामले की जांच में जुटी पुलिस , सकरा थाना के मोहनपुर की घटना
पटना- रेलवे ट्रैक पर मिला शख्स का शव , सचिवालय हाल्ट के पास मिला शव
खगड़िया- आग लगने से बुजुर्ग महिला की मौत , अगलगी में घर में रखा सामान हुआ जलकर राख , पसराहा थाना के भोरकाठ गांव की घटना
मुजफ्फरपुर- चाकू गोदकर भाई ने भाई की भूमि विवाद में की हत्या , बरूराज थाना के चौकिया गांव में वारदात
किशनगंज- स्मैक सहित तीन तस्कर गिरफ्तार , लाइन मुहल्ला में पुलिस अधीक्षक की कार्रवाई
मधुबनी- मुखिया पति को बदमाशों ने मारी गोली, गोली लगने से मुखिया पति गंभीर रूप से घायल, गंभीर हालत में DMCH में भर्ती. पतौना ओपी क्षेत्र के जफरा पंचायत में वारदात
पटना- अथमलगोला से अगवा युवक का शव मिला, नालंदा में राजगीर के घोड़ा कटोरा में मिला शव, चाकू गोद कर हत्या करने के बाद शव को जलाया, गिरफ्तार आरोपी की निशानदेही पर मिला शव
Saturday, December 22, 2018
मोदी अच्छे कप्तान नहीं ना तो उनके टीम में अच्छे खिलाड़ी हैं - मोदी के अनन्य समर्थक रहे लॉर्ड मेघनाथ देसाई ने कहा
पूरी तरह फ्लॉप रही प्रधानमंत्री की रायबरेली सभा खाली रही कुर्सियां भाषण देते रहे नेता
मोदी जी के 24×7 मेहनत से भारत गौमांस निर्यात में विश्व में एक नम्बर पर पहुंचा
देसाई ने गुरुवार को पीटीआई से कहा कि बहरहाल लोग निराDश हैं। कहीं न कहीं यह भावना है कि अच्छे दिन अब तक नहीं आए. लंदन में बस चुके देसाई ने कहा कि मोदी के पास बड़े अवसर थे. साथ ही उन्होंने कहा कि टीम को साथ लेकर नहीं चलना उनके लिए घातक साबित हो सकता है.
नोटबंदी के लिए खुल कर सरकार के समर्थन में खड़े रहने का ईनाम , शक्तिकांत होंगे नए RBI चीफ
देसाई ने कहा कि मोदी अच्छे नेता तो हैं लेकिन टीम को साथ लेकर चलने वाले अच्छे खिलाड़ी नहीं हैं, वह टीम के नेता नहीं हैं। वह जन नेता तो हैं, लेकिन टीम लीडर नहीं हैं। उनके मंत्रिमंडल में अरुण जेटली और सुषमा स्वराज को छोड़ कर कोई भी अनुभवी नहीं है.
अथ श्री CBI गाथा :- 5 दिसंबर को होगी सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई
देसाई कहते हैं कि इससे ठीक उलट मनमोहन सिंह की अगुवाई वाले यूपीए शासन में प्रणब मुखर्जी, अर्जुन सिंह, शरद पवार और पी. चिदंबरम सहित कम से कम 6 मंत्रियों के पास प्रधानमंत्री पद की योग्यता थी.
करतारपुर साहिब कॉरिडोर का हुआ उद्घाटन , पाकिस्तान में छा गए सिद्धू
उन्होंने कहा कि मोदी को यह अनुमान नहीं था कि चीजें इतनी मुश्किल हो जाएंगी और हालात ऐसे हो जाएंगे कि उन्हें एक बार फिर सत्ता में लाने के लिए जनता से अनुरोध करना पड़ेगा
Thursday, December 20, 2018
बिहार में महागठबंधन नेताओं की शाम 4 बजे बैठक , कुशवाहा कर सकते हैं महागठबंधन में शामिल होने की घोषणा
2019 लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2019) में सीटों के बंटवारे को लेकर गुरुवार (आज) शाम 4 बजे बिहार महागठबंधन (Mahagathbandhan) के नेताओं की एक बैठक होगी। इस बैठक में एनडीए (NDA) से हाल ही में अलग हुए रालोसपा नेता उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) शामिल हो सकते हैं और वह इस बैठक में महागठबंधन में शामिल होने का ऐलान भी कर सकते हैं। कांग्रेस नेता सदानंद सिंह ने एएनआई को बताया है कि बिहार के महागठबंधन के नेताओं की बैठक आज शाम चार बजे होगी और इसमें सारे वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। इस बैठक में सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत होगी
उधर IRCTC मामले में पटियाला हाउस कोर्ट पहुंचे RJD नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि शाम तक सभी चीजें स्पष्ट हो जाएंगी और आपको पता चल जाएगा। अतीत में भी लोगों को आमंत्रित कर चुके हैं। अगर उपेंद्र कुशवाह जी देश के लिए अच्छा चाहते हैं, तो हमने उन्हें आमंत्रित किया है। क्षेत्रीय दलों को कुचलने का प्रयास किया गया है, यहां तक कि एलजेपी भी मोदी जी के गुट में खुश नहीं है, जिससे यह बात साबित होती है , तेजस्वी यादव के साथ अररिया राजद सांसद सरफराज आलम भी थे
नेता प्रतिपक्ष ने कहा की आदरणीय श्री राम विलास पासवान हमारे अभिभावक हैं आशा हे वह भी अच्छा फैसला लेंगे
Wednesday, December 19, 2018
Tuesday, December 18, 2018
पूरी तरह फ्लॉप रही प्रधानमंत्री की रायबरेली सभा खाली रही कुर्सियां भाषण देते रहे नेता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार कांग्रेस का गढ़ समझे जाने वाले उत्तर प्रदेश के रायबरेली में जनसभा की लेकिन वहां उम्मीद से कम लोग उन्हें सुनने पहुंचे थे। आलम यह था कि जनसभा स्थल पर लगाई गई अधिकांश कुर्सियां खाली दिखीं। जब राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सभा को संबोधित कर रहे थे तब भी वहां सभास्थल पर बड़ी संख्या में कुर्सियां खाली दिखीं
नोटबंदी के बहुत से हाहाकारी दुष्परिणाम अभी सामने आना बाँकी है - रवीश कुमार
शायद यही कारण रहा कि प्रधानमंत्री की सभा को तय समय से एक घंटा देरी से शुरू किया गया। हालांकि, दावा किया जा रहा है कि जब पीएम सभा को संबोधित कर रहे थे तब भीड़ थी। बता दें कि रायबरेली यूपीए अध्यक्ष और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का संसदीय क्षेत्र है।
मोदी जी के 24×7 मेहनत से भारत गौमांस निर्यात में विश्व में एक नम्बर पर पहुंचा
प्रधानमंत्री बनने के बाद उनका यह पहला रायबरेली दौरा था इसलिए भाजपा नेताओं खासकर सीएम योगी ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए ठोस निर्देश दिए थे। निर्देश के मुताबिक भाजपा के पदाधिकारियों ने एड़ी-चोटी का जोर भी लगा दिया था लेकिन उम्मीद के मुताबिक भीड़ नहीं जुट पाई। जनसभा करने से पहले पीएम मोदी मॉडर्न रेल कोच फैक्ट्री गए, जहां उन्होंने फैक्ट्री में बनाए गए 900वें कोच और एक हमसफर कोच को हरी झंडी दिखाई। इसके अलावा पीएम ने वहां कई विकास योजनाओं का भी शिलान्यास और लोकार्पण किया।
प्रधानमंत्री की रायबरेली जनसभा को भाजपा द्वारा राज्य में लोकसभा चुनाव का आगाज माना जा रहा था इसलिए भाजपा नेताओं ने इसके लिए पूरा दम लगा दिया था। मोदी के कार्यक्रम को लेकर भाजपा नेताओं की सजगता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि खुद सीएम योगी इस पूरे आयोजन की मॉनिटरिंग कर रहे थे। तमाम प्रशासनिक महकमा भी इस आयोजन को सफल बनाने के लिए दिन रात लगा हुआ था। वीडियो में सुनाई दे रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी के मंच पर मौजबदगी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भाषण दे रहे हैं लेकिन कुर्सियां खाली पड़ी रहीं। स्थानीय पत्रकार उपेन्द्र सिंह ने बताया कि रायबरेली में जिस तरह सोनिया गांधी की सभाओं में भीड़ जुटती है वैसा नजारा प्रधानमंत्री मोदी की सभा में नजर नहीं आया
Monday, December 17, 2018
नोटबंदी के बहुत से हाहाकारी दुष्परिणाम अभी सामने आना बाँकी है - रवीश कुमार
5000 करोड़ के विज्ञापनों के नीचे छिपा है 35 लाख लोगों पर नोटबंदी की मार का दर्द
प्रधानमंत्री के एक फैसले से 35 लाख लोगों की नौकरियां चली जाएं, इस बात को ढंकने के लिए मोदी सरकार विज्ञापनों पर और कितने हज़ार करोड़ फूंकेगी। साढ़े चार साल में 5000 करोड़ विज्ञापनों पर ख़र्च करने वाली सरकार की एक नीति के कारण इतने परिवारों का घर उजड़ गया। नोटबंदी भारत की आर्थिक संप्रभुता पर हमला था। इसके पीछे के फैसलों और लाभ पाने वालों की कहानी अभी नहीं जानते हैं मगर इसके असर का ढोल अब फटने लगा है। चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने रिटायर होने के तुरंत बाद कह दिया कि काला धन में कोई कमी नहीं आई। भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर और मोदी सरकार के पूर्व आर्थिक सलाहकार भी खुलकर कह रहे हैं कि नोटबंदी के कारण भारत की आर्थिक रफ्तार धीमी हुई है। इस धीमेपन का कितना असर नौकरी कर रहे और नौकरी में आने की चाह रखने वाले कितने नौजवानों और घरों पर पड़ा होगा, हम इसे ठीक-ठीक नहीं जान सके हैं। नोटबंदी और जीएसटी से बर्बाद परिवारों की व्यक्तिगत कहानियां हमारे सामने नहीं हैं।
नोटबंदी के लिए खुल कर सरकार के समर्थन में खड़े रहने का ईनाम , शक्तिकांत होंगे नए RBI चीफ
ऑल इंडिया मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन (AMIO) ने ट्रेडर,माइक्रो, स्मॉल और मिडियम सेक्टर में एक सर्वे कराया है। इस सर्वे में इस सेक्टर के 34,000 उपक्रमों को शामिल किया गया है। किसी सर्वे के लिए यह छोटी-मोटी संख्या नहीं है। इसी सर्वे से यह बात सामने आई है कि इस सेक्टर में 35 लाख नौकरियां चली गईं हैं। ट्रेडर सेगमेंट में नौकरियों में 43 फीसदी, माइक्रो सेक्टर में 32 फीसदी, स्माल सेगमेंट में 35 फीसदी और मिडियम सेक्टर में 24 फीसदी नौकरियां चली गई हैं। 2015-16 तक इस सेक्टरों में तेज़ी से वृद्धि हो रही थी लेकिन नोटबंदी के बाद गिरावट आ गई जो जीएसटी के कारण और तेज़ हो गई। AMIO ने हिसाब दिया है कि 2015 पहले ट्रेडर्स सेक्टर में 100 कंपनियां मुनाफा कमा रही थीं तो अब उनकी संख्या 30 रह गई है।
देश के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम अब नोटबंदी पर बरसे
जो भी जनता के हक की बात करते हैं उसके पीछे CBI लगा दी जाती है - रघुवंशसंगठन ने बयान दिया है कि सबसे बुरा असर स्व-रोज़गार करने वालों पर पड़ा है। इसमें दर्ज़ी, मोची, हज़ामत, प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन का काम करने वालों पर पड़ा है। यह कितना भयानक है। दिन भर की मेहनत के बाद मामूली कमाई करने वालों पर नोटबंदी ने इतना क्रूर असर डाला है। 2015-16 तक इन सेक्टर में काफी तेज़ी से वृद्धि हो रही थी। लेकिन नोटबंदी के बाद ही इसमें गिरावट आने लगी जो जीएसटी के कारण और भी तेज़ हो गई। अब सरकार से पूछा जाना चाहिए कि मुद्रा लोन को लेकर जो दावा कर रही है उस दावे का आधार क्या है। मई 2017 में अमित शाह ने दावा किया था कि मुद्रा लोन के कारण 7.28 करोड़ लोगों ने स्व-रोजगार हासिल किया है। सितंबर 2017 में SKOCH की किसी रिपोर्ट के हवाले से पीटीआई ने खबर दी थी कि मुद्रा लोन के कारण 5.5 करोड़ लोगों को स्व-रोज़गार मिला है। उस दावे का आधार क्या है। 35 लाख लोगों पर आश्रित परिवारों की संख्या निकाले तो डेढ़ दो करोड़ लोग इस फैसले से सीधे प्रभावित दिखते हैं। वो लोग बड़े सेठ नहीं हैं। आम लोग हैं।
मैं पिछले दिनों दिल्ली और मुंबई में कई लोगों से मिला हूं जिनका नोटबंदी और जीएसटी से पहले अच्छा खासा कारोबार चल रहा था मगर उसके बाद वे बर्बाद हो गए। किसी का साठ लाख का पेमेंट फंस गया तो किसी का आर्डर इतना कम हो गया कि वह बर्बाद हो गया। इनमें से कई लोग ओला टैक्सी चलाते मिले जो नोटबंदी के पहले 200-300 लोगों को काम दिया करते थे। इसलिए मैं कहता हूं कि नोटबंदी की कहानी अभी सामने नहीं आई है। इसकी पीड़ा लिए न जाने कितने लोग उस झूठ को जी रहे हैं जो उन पर थोपा गया कि यह कोई क्रांतिकारी कदम था। चुनावी हार-जीत के किस्सों में इस दर्द को हमेशा पीछे कर दिया जाता है मगर जिस पर इसकी मार पड़ी है वो नोटबंदी और जीएसटी के दावों के विज्ञापनों को देखकर अकेले में सिसकता होगा।
Sunday, December 16, 2018
मोदी जी के 24×7 मेहनत से भारत गौमांस निर्यात में विश्व में एक नम्बर पर पहुंचा
भाजपा नेता विजयवर्गीय का विवादित बयान , थू थू होने लगी तो किया ट्वीट डिलीट
इसका लाइसेंस “अटल जी” के कार्यकाल मे दिया गया था, वह भी 40% सब्सिडी के साथ
RSS, शिवसेना, VHP, बजरंग दल वाले दोगले चुप क्यों हो भाई ??
मनमोहन जी के नेतृत्व में तीन बार हुई सर्जिकल स्ट्राइक , कांग्रेस उसका राजनीतिक लाभ नहीं लिया - राहुल गांधी
मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार ने मांस उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए बजट नये बूचड़खानों की स्थापना और पुरानों के आधुनिकीकरण के लिए 15 करोड़ रुपए की सबसिडी का प्रावधान किया। 2014-15 के दौरान भारत ने 24 लाख टन मीट का निर्यात किया जो कि दुनिया में निर्यात किए जाने वाले मांस का 58.7 फीसदी हिस्सा है :- विवेक सक्सेना “जनसत्ता”
4.5 वर्ष के कार्यकाल में 24×7 मेहनत करके मोदी सरकार ने “गौमांस निर्यात” क्षेत्र में 58.7℅ लगभग भागेदारी हाशिल कर ली , बांकी के 41.3% में विश्व के अन्य देश हैं ........
शुक्रिया मोदी , #NewIndia को #BeefExport में विश्व का #नं_1 देश बनाने के लिए.....
अंधभक्तों जानकारी चाहिए तो RTI डालो या फिर यूँ हीं 🔔🔔 डोलाते रहो
Saturday, December 15, 2018
भाजपा नेता विजयवर्गीय का विवादित बयान , थू थू होने लगी तो किया ट्वीट डिलीट
बीजेपी के बड़े नेता कैलाश विजयवर्गीय ने एक विवादित ट्वीट किया जिसकी चारों तरफ आलोचना हो रही है.इशारे-इशारे में विजयवर्गीय ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर निशाना साध दिया है. विजयवर्गीय ने लिखा कि, “विदेशी स्त्री से उत्पन्न संतान कभी देशहित और राष्ट्रप्रेम का अनुगामी नहीं हो सकता”
इस ट्वीट की बाद कैलाश विजयवर्गीय की जमकर आलोचना हुई और फिर उन्होंने तुरंत अपना ट्वीट डिलीट कर दिया.
कैलाश विजयवर्गीय के इस ट्वीट को यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी से जोड़कर देखा जा रहा है. दरअसल सोनिया गांधी विदेशी मूल की महिला हैं, वो इटली में रहती थीं. राजीव गांधी से शादी के बाद वो भारत आईं. बाद में सोनिया ने कांग्रेस पार्टी संभाली और कई सालों तक बतौर पार्टी अध्यक्ष पार्टी को चलाया
कांग्रेस पार्टी की नेता रितिका खेड़ा ने विजयवर्गीय के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा “ कायम रहिए ऐसी बातें बोलने में, ऐसे ही रोज देश की जनता को BJP का चाल-चेहरा-चरित्र दिखाते रहिए. अभी तो सिर्फ 5 राज्यों में मिला है, कुछ महीनों की बात है बस, देश की जनता बखूबी जवाब देने वाली है”.
ट्विटर पर उनके इस ट्वीट पर खूब माखौल उड़ाया जा रहा है
कैलाश विजयवर्गीय पहले से ही विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं. इसके पहले भी वो कई ऐसे बयान दे चुके हैं जिन पर बवाल हो चुका है. शाहरुख खान अपनी फिल्म के प्रचार के लिए ट्रेन से प्रचार कर रहे थे तो उन्होंने ट्वीट किया था “ अगर दाऊद इब्राहिम भी सड़क पर आ जाए तो उसे भी सड़क पर देखने के लिए भीड़ इकट्ठा हो जाएगी. आप भीड़ के आधार पर किसी की लोकप्रियता को नहीं माप सकते”
बीजेपी नेता शत्रुध्न सिन्हा, टीवी पत्रकार अक्षय सिंह, आमिर खान और महात्मा गांधी से लेकर उन्होंने निर्भया कांड पर असंवेदनशील बयान दिए हैं
Tuesday, December 11, 2018
नोटबंदी के लिए खुल कर सरकार के समर्थन में खड़े रहने का ईनाम , शक्तिकांत होंगे नए RBI चीफ
उर्जित पटेल के इस्तीफा देने के बाद रिजर्व बैंक के नए गवर्नर के नाम का ऐलान हो गया है. आर्थिक मामलों के पूर्व सचिव शक्तिकांत दास आरबीआई के नए गवर्नर का पदभार संभालेंगे. इनका कार्यकाल तीन साल का होगा.
नोटबंदी के वक्त शक्तिकांत सरकार का बचाव करते रहे हैं, जबकि रिजर्व बैंक ने तब चुप्पी साध रखी थी. नोटबंदी पर उन्होंने सरकार के रुख का ही समर्थन किया है. दास की दलील थी कि नोटबंदी से कालाधन, नकली नोट दूर करने में मदद मिलेगी.
कौन हैं शक्तिकांत दास
शक्तिकांत मई 2017 तक मोदी सरकार में आर्थिक मामलों के पूर्व सेक्रेटरी रहे
नोटबंदी के ऐलान के वक्त आर्थिक मामलों के सेक्रेटरी थे
1980 बैच के तमिलनाडु कैडर के IAS हैं
अभी 15वें वित्तीय आयोग के सचिव हैं
शक्तिकांत आरबीआई के 25वें गवर्नर होंगे
आरबीआई के गर्वनर के तौर पर शक्तिकांता के सामने कुछ चुनौती भी होगी. केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक के बीच विवाद के मुद्दों को निपटाना, आरबीआई के पास मौजूद कैश डिविडेंड के तौर पर सरकार को देने का फॉर्मूला तैयार करना जैसी बड़ी चुनौती होगी.
सोमवार को निजी कारणों का हवाला देते हुए पटेल ने इस्तीफा दे दिया था. कुछ महीनों से रिजर्व बैंक और सरकार के बीच बड़ा मतभेद चल रहा था. 14 दिसंबर को रिजर्व बैंक बोर्ड की बैठक से पहले गर्वनर के इस्तीफे पर लगातार सवाल उठ रहे हैं.
Monday, December 10, 2018
बिहार सरकार में एक और महाघोटाले की आशंका
बिहार सरकार में एक के बाद एक घोटाले की खबर या उसके होने की आशंका सामने आ रही है. एक बार फिर बिहार सरकार में वित्तीय अनियमितता की खबर सामने आ रही है जिसमे लगभग 3500 करोड़ के घोटाले की आशंका है. यह मामला सामने आया है महालेखाकार, पटना के ऑडिट रिपोर्ट के द्वारा.
दरअसल महालेखाकार, पटना की ऑडिट रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है की आधारभूत संरचना विकास प्राधिकार (IDA Bihar) में बड़े पैमाने में वित्तीय अनियमितता हुई है. रिपोर्ट में यह बात सामने आ रही है की पिछले दो वर्षों में IDA को 1800 करोड़ और उसके 9 वर्ष 1700 करोड़ से अधिक की वित्तीय अनियमितता सामने आई है.
11 वर्षों में हुई इस गड़बड़ी का जवाब IDA के अधिकारियों के पास नही है और इसके कारण राज्य में एक बड़े घोटाले की आशंका बनी हुई है. आपको बता दे की IDA उद्योग विभाग के अधीन काम करता है और इसी के जरिये बिहार राज्य सरकार भवनों का निर्माण करवाती है. इसके पहले भी CAG ने IDA के अंदर सितम्बर 2006 और फरवरी 2015 के बीच 17 अरब से अधिक वित्तीय अनियमितताओं को पकड़ा था.
Sunday, December 9, 2018
भाजपा नेताओं के रैली के बाद उस स्थान को गँगा जल और गोबर से धो कर किया पवित्र
पश्चिम बंगाल के कूच बिहार जिले में जिस जगह पर भारतीय जनता पार्टी की रैली थी, उस जगह को तृणमूल कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने गंगा जल और गाय के गोबर से 'पवित्र' किया है
राजस्थान , भाजपा नेता के घर पर मिला EVM
स्थानीय टीएमसी नेता पंकज घोष ने बताया कि भाजपा नेता यहां आए थे और उन्होंने सांप्रदायिक संदेश दिया, जिसके बाद इस जगह को 'पवित्र' करना पड़ा.
स्वास्तिक पर जूते पहने खड़े नजर आ रहे अमित शाह के तस्वीर का सच
स्थानीय देवता का जिक्र करते हुए टीएमसी नेता ने कहा, 'यह जगह भगवान मदन मोहन की है. इसलिए हिंदू परंपरा के मुताबिक हमने इस जगह को पवित्र किया.' कूच बिहार टीएमसी समर्थकों ने साथ ही यह दावा भी किया कि इस जिले में भगवान मदन मोहन के अलावा और किसी का रथ नहीं निकाला जा सकता.
Saturday, December 8, 2018
राजस्थान , भाजपा नेता के घर पर मिला EVM
नई दिल्ली: विधानसभा चुनावों के बीच ईवीएम में गड़बड़ी की खबरें एक बार फिर सुर्खियों में है. कहीं बीजेपी नेता के घर से ईवीएम मिला है तो कहीं सड़क किसारे से. इस मामले में चुनाव आयोग ने सख्त कार्रवाई की है. आयोग ने शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा की पाली सीट के रिटर्निंग अधिकारी को हटाने का आदेश दिया. यह कार्रवाई एक उम्मीदवार के घर में कथित तौर पर ईवीएम पाए जाने के बाद की गई.
उन्मादी भीड़ ने नहीं बल्कि धर्म की चाशनी में तैयार उग्रवादियों ने इंसपेक्टर को मार डाला
आयोग ने कहा कि एक सेक्टर अधिकारी ईवीएम मशीन लेकर बीजेपी उम्मीदवार के घर गया था जिसके बाद सेक्टर अधिकारी को हटा दिया गया और संबंधित ईवीएम को चुनाव प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया. निर्वाचन आयोग ने पाली के रिटर्निंग अधिकारी महावीर को भी हटाने का आदेश दिया. वहीं जोधपुर के राकेश को कार्यभार संभालने का आदेश दिया गया. उम्मीदवार के घर में कथित तौर पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन रखे होने वाला वीडियो वायरल हो गया है
बड़ा सवाल :- जहाँ पकड़े गए हल्की कार्यवाही हो रही हो रही , लेकिन सूत्र बता रहे की मध्य प्रदेश , राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर धांधलियां हुई है , कहीं भाजपा नेता के होटल में EVM बरामद हुई तो कहीं जिओ कंपनी के स्टाफ स्ट्रांग रूम में पहुंचे , कहीं वीडियो कैमरे घंटों बंद कर दिए गए , ऐसे बहुत सारे मामले सामने आए हैं जबकि दर्जनों ऐसे मामले हैं जो पकड़ में ना आ पाए
क्या यह जनता के साथ धोखा और जनादेश की हत्या नहीं है ? चुनाव आयोग शर्मनाक रवैया अख्तियार कर चुका , सत्ता की चौखट पर जंजीर में जकड़े *** ....
Tuesday, December 4, 2018
स्वास्तिक पर जूते पहने खड़े नजर आ रहे अमित शाह के तस्वीर का सच
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है , इस तस्वीर में अमित शाह एक चौकी पर बने हिंदुओं के पवित्र चिन्ह स्वास्तिक पर जूते पहने खड़े होकर चुनावी जनसभा को संबोधित करते दिख रहे हैं.
उन्मादी भीड़ ने नहीं बल्कि धर्म की चाशनी में तैयार उग्रवादियों ने इंसपेक्टर को मार डाला
इस तस्वीर को अमित शाह ने ही सोशल मीडिया पर शेयर किया था और बाद में विवाद बढ़ता देख, इसे डिलीट भी कर दिया.
चुनावी माहौल के दौरान हमें कई ऐसी तस्वीरें और वीडियो मिल चुके हैं जिनके साथ गंभीर छेड़छाड़ की गई या उनके संदर्भ को पूरी तरह से बदल दिया गया था.
इसलिए तीन प्रश्न सामने आए :-
ये तस्वीर कब की है?
ये तस्वीर कहाँ की है?
और क्या वाक़ई अमित शाह भाषण के दौरान किसी चौकी पर खड़े हुए थे?
दिल्ली की सड़कों पर किसानों का जनसैलाब परिवर्तन का अध्याय लिखने को काफी हैं
'रिवर्स इमेज सर्च' से हमें पता चला कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की ये तस्वीर राजस्थान के बाड़मेर ज़िले की है.
इस तस्वीर को शनिवार, एक दिसंबर की दोपहर 2:06 से 2:40 बजे के बीच खींचा गया था.
ट्विटर पर 'ऑफ़िस ऑफ़ अमित शाह' द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, एक दिसंबर को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह बाड़मेर ज़िले के बायतु और बालोतरा में पार्टी के प्रचार के लिए गए थे.
वायरल फ़ोटो और उस दिन की जनसभाओं की तस्वीरों का जब हमने मिलान किया तो पाया कि अमित शाह का विवादित फ़ोटो बालोतरा की सभा का है.
इस निष्कर्ष तक पहुँचने के लिए हमने अमित शाह के साफ़े, उनके कपड़ों, भीड़ में मौजूद कुछ लोगों और उनके माइक के ब्रांड का भी मिलान किया.
दरअसल, एक दिसंबर की इस सभा की तस्वीरें राजस्थान की भाजपा इकाई के अलावा ख़ुद अमित शाह ने भी ट्वीट की थीं.
तस्वीरों के साथ उन्होंने लिखा था, "राहुल गांधी शायद भूल गए हों पर मैं उन्हें बताना चाहता हूँ कि वीरभूमि राजस्थान की जनता कभी भी भारत के वीर सैनिकों के शौर्य का अपमान करने वाली कांग्रेस पार्टी का साथ नहीं दे सकती."
अमराराम चौधरी ने अपनी बात ही यहीं से शुरू की कि "स्थानीय स्तर पर इस फ़ोटो को लेकर कोई विवाद नहीं है. अमित शाह प्रचार करने आए थे. प्रचार करके चले गए. बाक़ी सब ठीक चल रहा है."
उन्मादी भीड़ ने नहीं बल्कि धर्म की चाशनी में तैयार उग्रवादियों ने इंसपेक्टर को मार डाला
इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को नफ़रत से प्रोग्राम्ड रोबो-रिपब्लिक ने मारा है
आज यूपी पुलिस के जवानों और अफसरों के घर क्या खाना बना होगा? मुझे नहीं मालूम। इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की तस्वीर उन्हें झकझोरती ही होगी। नौकरी की निर्ममता ने भले ही पुलिस बल को ज़िंदगी और मौत से उदासीन बना दिया हो लेकिन सांस लेने वाले इन प्राणियों में कुछ तो सवाल धड़कते ही होंगे कि आख़िर कब तक ये भीड़ पुलिस को चुनौती देकर आम लोगों को मारेगी और एक दिन पुलिस को भी मारने लगेगी। आम तौर पर हम पत्रकार पुलिस को लेकर बेरहम होते हैं। हमारी कहानियों में पुलिस एक बुरी शै है। लेकिन इसी पुलिस में कोई सुबोध कुमार सिंह भी है जो भीड़ के बीच अपनी ड्यूटी पर अड़ा रहा, फ़र्ज़ निभाते हुए उसी भीड़ के बीच मार दिए गया।
एडीजी लॉ एंड आर्डर आनंद कुमार को सुन रहा था। अनुभवी पुलिस अफसर की ज़ुबान सपाट तरीके से घटना का ब्यौरा पेश कर रही थी। पुलिस को भावुक होने का अधिकार नहीं। वो सिर्फ अपने राजनीतिक आका के इशारे पर भावुक होती है और लाठियां लेकर आम लोगों को दौड़ा देती है। मगर आनंद कुमार के सपाट ब्यौरे ने उस भीड़ के चेहरे को उसी निर्ममता से उजागर कर दिया जिसके बीच इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह मार दिए गए। उनका साथी सिपाही भी गंभीर रूप से घायल है। आनंद कुमार की वेदना ब्यौरे के पीछे दिखती जा रही थी मगर अपने मातहत की मौत के वक्त भी वे उसी फर्ज़ से बंधे होने की नियति को पूरा कर रहे थे,जिसने उन्हें इशार समझने के लायक तो बना दिया मगर ड्यूटी करने लायक नहीं रखा। मैं चाहता हूं कि आनंद कुमार की बात को शब्दश यहां पेश किया जाए ताकि आप पूरा बयान पढ़ सकें। जान सकें कि क्या क्या हुआ। देख सकें कि क्या कुछ हो रहा था।
"आज की यह ब्रीफिंग एक दुखद घटना के बारे में है जो जनपद बुलंदशहर में थाना क्षेत्र स्याना में घटित हुई। आज सुबह साढ़े दस-ग्यारह बजे थाना स्याना में सूचना मिली कि ग्राम माहू के खेतों में कुछ गौवंश के अवशेष पड़े हुए हैं। इसकी सूचना वहां के भूतपूर्व प्रधान रामकुमार द्वारा दी गई। जिससे वहां के प्रभारी निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह तुरंत मौके पर गए और वहां जाकर उन्होंने मौके का मुआयना किया। ग्रामीणों ने, उत्तेजित ग्रामीणों को वहां पर समझाया-बुझाया गया कि इस पर कार्रवाई की जाएगी। और यह समझा बुझा कर कि पुलिस अपनी कार्रवाई कर रही है तब तक वहां के एस डी एम और सीओ को भी सूचना हुई कि मौके पर पहुंचे। इस बीच उत्तेजित ग्रामीणों ने जो अवशेष थे जानवरों के, संभावित तौर पर गोवंश के थे, उनके अंश ट्रैक्टर-ट्राली पर डालकर चौकी चिंगरावटी में उसके 10 मीटर पहले वहां पर ट्रैक्टर-ट्राली से स्याना-गढ़ रोड को ब्लाक कर दिया। ब्लाक करने के पश्चात वहां जो भी बल्लम डालियां पड़ी थी उसे लगाकर रोड जाम कर दिया और ट्रैक्टर-ट्राली भी लगाकर रोड को जाम कर दिया। इस कार्रवाई पर वहां के प्रभारी निरीक्षक, चौकी इंचार्ज, सीओ ने ग्रामीणों से वार्ता की। वार्ता में उनको समझाया-बुझाया कि आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। अभियोग दर्ज किया जाएगा। पहले शुरूआती दौर में ग्रामीण सहमत हो गए लेकिन बाद में जाम खोलने की बात हुई जिसे लेकर उत्तेजित ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त हो गया। ग्रामीणों ने चौकी चिंगरावटी पर भारी पथराव किया। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया। लाठी चार्ज किया। माइल्ड। हटाने का प्रयास किया। लेकिन भीड़, 400 के करीब लोग थे, तीन गांव के थे, महाव, चिंगरावटी, नयावास। ये तीन जगह के लोग थे जो ग्रामीण वहां जमा थे। उन लोगों ने वहां पर जो वाहन पार्क थे, करीब 15 वाहन को डैमेज किया, जिसमें से 5-6 वाहन को क्षतिग्रस्त भी किया। तीन-चार वाहनों में आग भी लगा दी। भारी संख्या में पथराव होने के दृष्टिगत पुलिस ने हवाई फायर किया। एक होमगार्ड था, उसने भी 303 से हवाई फायर की। ग्रामीणों ने कट्टे द्वारा फायरिंग की। प्रचुर संख्या में और उसके बाद इसी फायरिंग में वहां के इंस्पेक्टर थे, संभवत बड़ा ब्रिकबैट( पत्थर) उनके सर पर लगा। हेड इंजरी हुई। उसके बाद प्रयास किया कि थाने की गाड़ी में अस्पताल ले जाए लेकिन ग्रामीण वहां भी आ गए। फिर भारी मात्रा में पथराव किया। खैर वहां से किसी तरीके से सुबोध कुमार सिंह को बुलंदशहर भेजा गया। उपचार के लिए लेकिन उपचार के दौरान उनकी दुखद मृत्यु हो गई। "
आप इस ब्यौरे को पूरा पढ़िए। अंदाज़ा कीजिए कि हमने आस-पास कैसी भीड़ बना दी है। मैंने अपनी किताब The Free Voice में एक रोबो-रिपब्लिक की बात की है। यह एक ऐसी भीड़ है, जिसे नफ़रत की बातों से प्रोगाम्ड किया जा चुका है। जो हर तरफ खड़ी है। ज़रा सी अफ़वाह की चिंगारी के ख़ुद से एक्शन में आ जाती है। किसी को घेर लेती है और मार देती है। इससे हिंसा की जवाबदेही किसी नेता पर नहीं आती है। पहले की तरह किसी पार्टी या मुख्यमंत्री अब आरोपों के घेरे में नहीं आते हैं। आज उसी रोबो-रिपब्लिक की एक भीड़ ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को मार दिया।
पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आ गई है। इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मौत गोली लगने से हुई है। जो भी वीडियो हासिल है, उसे आप ग़ौर से देखिए। किस उम्र के लड़के पुलिस पर पथराव कर रहे हैं। इतना कट्टा कहां से आया, गोलियां चलाने की हिम्मत कैसे आई जो एक पुलिस इंस्पेक्टर को घेर लेती है और अंत में मार देती है। गाय के नाम पर उसे इतना हौसला किसने दिया है। क्या वह गाय का नाम लेते हुए देश की कानून व्यवस्था से आज़ाद हो चुकी है?
इस घटना से यूपी पुलिस को सोचना पड़ेगा। उसे पुलिस बनने का ईमानदार प्रयास करना होगा। वर्ना उसका इक़बाल समाप्त हो चुका है। पुलिस का इक़बाल अफसरों के जलवे के लिए बचा है। वैसे वो भी नहीं बचा है। आपको याद होगा अप्रैल 2017 में सहारनपुर ज़िले तत्कालीन एस एस पी लव कुमार के सरकारी बंगले पर भीड़ घुस गई थी। यूपी पुलिस चुप रही। उसे अपने राजनीतिक आका के सामने यस सर, यस सर करना ज़रूरी लगा। क्या उस मामले में कोई कार्रवाई हुई? जब यूपी पुलिस के आई पी एस अफ़सर अपने आई पी एस साथी के प्रति ईमानदार नहीं हो सके तो कैसे उम्मीद की जाए कि वे इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के हत्यारों को पकड़ने के मामले में ईमानदारी करेंगे।
यह कोई पहली घटना नहीं है। मार्च 2013 में प्रतापगढ़ के डीएसपी ज़ियाउल हक़ को इसी तरह गांव वालों ने घेर कर मार दिया। मुख्य आरोपी का पता तक नहीं चला। जून 2016 में मथुरा में एस पी मुकुल द्विवेदी भी इसी तरह घेर कर मार दिए गए। 2017 में नई सरकार आने के बाद न जाने कितने पुलिस वालों को मारने की घटना सामने आई थी। नेता खुलेआम थानेदारों को लतियाने जूतियाने लगे थे। कई वीडियो सामने आए मगर कोई कार्रवाई हुई, इसका पता तक नहीं चला।
यूपी पुलिस आज की रात ख़ुद का चेहरा कैसे देख पाएगी। उसके जवान व्हाट्स एप में सुबोध कुमार सिंह की गिरी हुई लाश को देखकर क्या सोच रहे होंगे? चार साल में जो ज़हर पैदा किया है वो चुनावों में नेताओं की ज़ुबान पर परिपक्व हो चुका है। हमारे सामने जो भीड़ खड़ी है, वो पुलिस से भी बड़ी है।
सुबोध कुमार सिंह भारत की राजनीति के शिकार हुए हैं जो अपने फायदे के लिए ज़हर पैदा करती है। नफ़रत की आग पड़ोस को ही नहीं जलाती है। अपना घर भी ख़ाक कर देती है। यूपी पुलिस के पास कोई इक़बाल नहीं बचा है सुबोध कुमार सिंह को श्रद्धांजलि देने का। उसे अगर शर्म आ रही होगी तो वह शर्म कर सकती है। आज की रात सिर्फ यू पी पुलिस ही नहीं, हम सब के शर्मिंदा होने का दिन है
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https://youtu.be/Cm4ospoha54
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